भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक नई योजना का शुभारंभ किया गया है, जिसे प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना (PM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement – PM E-DRIVE) कहा जाता है। यह योजना देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदूषण को कम करना और परिवहन क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना है।
PM E Drive Scheme का उद्देश्य
प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और प्रदूषण को कम करना है। भारत में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, खासकर शहरी क्षेत्रों में, जहां वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक है। इस योजना के माध्यम से सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और उपयोग को प्रोत्साहित करना चाहती है ताकि देश को पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ परिवहन व्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।
FAME योजना का स्थानापन्न
प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना ने पिछले नौ सालों से चल रही FAME योजना (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) को प्रतिस्थापित किया है। FAME योजना के तहत भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का काम किया गया था, लेकिन नई योजना में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव और सुधार किए गए हैं, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले उपभोक्ताओं को और अधिक लाभ मिल सके।
PM E Drive योजना की प्रमुख विशेषताएं
प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया है, जो इस योजना को विशेष बनाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. बजट आवंटन
सरकार ने इस योजना के लिए ₹10,900 करोड़ का बजट दो साल की अवधि के लिए आवंटित किया है। इस राशि का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण, खरीदारी और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए किया जाएगा। इस राशि का बड़ा हिस्सा सब्सिडी और प्रोत्साहन के रूप में इलेक्ट्रिक दो-पहिया, तीन-पहिया, और बसों के लिए दिया जाएगा।
2. इलेक्ट्रिक दो-पहिया और तीन-पहिया वाहनों को बढ़ावा
इस योजना के तहत 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहनों और 3.16 लाख इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहनों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसका मतलब है कि जो भी व्यक्ति इलेक्ट्रिक स्कूटर, बाइक या रिक्शा खरीदना चाहता है, उसे सरकार की तरफ से सब्सिडी मिलेगी, जिससे इन वाहनों की कीमतों में कमी आएगी और अधिक से अधिक लोग इन्हें खरीदने के लिए प्रेरित होंगे।
3. इलेक्ट्रिक बसें
परिवहन व्यवस्था को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से 14,028 इलेक्ट्रिक बसों की खरीदारी के लिए भी सरकार ने बजट आवंटित किया है। यह बसें मुख्य रूप से नौ बड़े शहरों में चलाई जाएंगी, जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बैंगलोर, पुणे और हैदराबाद शामिल हैं। यह बसें राज्य परिवहन निगमों (STUs) और सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों द्वारा संचालित की जाएंगी।
4. ई-एम्बुलेंस और ई-ट्रक
इस योजना के अंतर्गत ₹500 करोड़ की राशि ई-एम्बुलेंस के लिए आवंटित की गई है। ई-एम्बुलेंस का उपयोग मरीजों को अस्पताल ले जाने और उन्हें आरामदायक और सुरक्षित सफर प्रदान करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, ई-ट्रकों को भी इस योजना में शामिल किया गया है, जिसमें विशेष रूप से उन ट्रक मालिकों को प्रोत्साहन मिलेगा जो पुराने ट्रकों को स्क्रैप कर नए ई-ट्रक खरीदेंगे।
5. चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास
इलेक्ट्रिक वाहनों की सबसे बड़ी समस्या चार्जिंग की सुविधा का अभाव है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने 88,500 चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इन चार्जिंग स्टेशनों को मुख्य रूप से उन शहरों में स्थापित किया जाएगा जहां इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, साथ ही महत्वपूर्ण हाइवे और मार्गों पर भी चार्जिंग पॉइंट्स लगाए जाएंगे। इसके तहत ई-बसों, दो-पहिया, और तीन-पहिया वाहनों के लिए विशेष चार्जिंग स्टेशनों की व्यवस्था होगी।
ई-वाउचर प्रणाली
इस योजना में एक और महत्वपूर्ण पहल ई-वाउचर प्रणाली की शुरूआत है। जब कोई व्यक्ति इलेक्ट्रिक वाहन खरीदेगा, तो उसे आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से एक ई-वाउचर दिया जाएगा। यह वाउचर वाहन खरीदते समय इस्तेमाल किया जा सकेगा और इसके द्वारा उपभोक्ता को सीधे सब्सिडी का लाभ मिलेगा। ई-वाउचर को वाहन डीलर के पास जमा करना होगा और डीलर के द्वारा इसे सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, जिससे सब्सिडी की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी।
PM E Drive – प्रदूषण में कमी
भारत में प्रदूषण का एक बड़ा कारण डीजल और पेट्रोल वाहनों से निकलने वाला धुआं है। इन वाहनों के इस्तेमाल से न केवल वायु प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी होता है। इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरण के अनुकूल होते हैं क्योंकि इनमें इंजन के बजाय बैटरी का इस्तेमाल होता है, जो पूरी तरह से शून्य उत्सर्जन (Zero Emission) प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने से प्रदूषण में महत्वपूर्ण कमी आएगी, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होगा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम
इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए घरेलू निर्माण (Domestic Manufacturing) को प्राथमिकता दी गई है। Phased Manufacturing Programme (PMP) के माध्यम से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे भारत के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को और मजबूती मिलेगी। इससे न केवल देश की आर्थिक प्रगति होगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।
रोजगार के अवसर PM E Drive
इस योजना के माध्यम से देश में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण से लेकर चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना तक, हर स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ने से वाहन डीलरशिप और सर्विसिंग के क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
PM E-Drive Scheme: Key Features and Overview
Category | Details |
Scheme Name | PM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement (PM E-DRIVE) |
Budget Allocation | ₹10,900 crore over 2 years |
Replaced Scheme | FAME (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) |
Eligible Vehicles | Electric 2-wheelers, 3-wheelers, e-buses, e-ambulances, and e-trucks |
Excluded Vehicles | Private electric cars, hybrid cars |
Support for E-Vehicles | 24.79 lakh e-2Ws 3.16 lakh e-3Ws 14,028 e-buses |
E-Vouchers | Aadhaar-authenticated e-vouchers for demand incentives, simplifying the buying process |
E-Ambulance Allocation | ₹500 crore for deployment of e-ambulances |
E-Bus Allocation | ₹4,391 crore for procuring 14,028 e-buses, demand aggregation by CESL in nine cities |
E-Truck Allocation | ₹500 crore for incentivizing e-trucks (scrappage policy applicable) |
Charging Infrastructure | ₹2,000 crore allocated for installation of 88,500 fast charging stations |
Testing Infrastructure | ₹780 crore for upgrading testing facilities to accommodate new EV technologies |
Key Cities for E-Buses | Delhi, Mumbai, Kolkata, Chennai, Ahmedabad, Surat, Bangalore, Pune, Hyderabad |
Focus on Pollution Reduction | Promote EV adoption to reduce vehicular emissions and improve air quality |
Domestic Manufacturing | Phased Manufacturing Programme (PMP) to promote domestic production and strengthen the EV supply chain |
Employment Generation | Job creation across the EV manufacturing industry, supply chain, and charging infrastructure development |